Google Data Breach:Google Data Breach 2025: गूगल के इतिहास का सबसे बड़ा साइबर हमला, 2.5 अरब जीमेल उपयोगकर्ताओं का डेटा खतरे में। जानें कैसे हुआ हमला, कौन है पीछे और आप कैसे सुरक्षित रह सकते हैं।
Google Data Breach: 2.5 अरब जीमेल यूज़र्स पर साइबर हमले का खतरा
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गूगल के इतिहास का सबसे बड़ा डेटा उल्लंघन
अगस्त 2025 ने दुनिया के सबसे बड़े टेक दिग्गज गूगल के लिए एक काला अध्याय लिख दिया है। हाल ही में हुए इस बड़े साइबर हमले ने करीब 2.5 अरब जीमेल उपयोगकर्ताओं को खतरे में डाल दिया है। इसे गूगल के इतिहास के अब तक के सबसे बड़े डेटा उल्लंघनों में से एक बताया जा रहा है। Google Data Breach
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि हैकर्स अपनी रणनीतियों को लगातार बदलते रहते हैं और हमें अपनी डिजिटल सुरक्षा को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह हमला गूगल के एक डेटाबेस को निशाना बनाकर किया गया, जिसे सेल्सफोर्स (Salesforce) के क्लाउड प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए प्रबंधित किया जा रहा था।
यह उल्लंघन कैसे हुआ?
गूगल की थ्रेट इंटेलिजेंस टीम (GTIG) की रिपोर्ट बताती है कि यह हमला जून 2025 में शुरू हुआ था। हमलावरों ने बेहद चतुराई से सोशल इंजीनियरिंग तकनीक का इस्तेमाल किया। उन्होंने गूगल के आईटी कर्मचारियों का भेष धारण किया और कई फर्जी लेकिन विश्वास पैदा करने वाले फोन कॉल किए।
इन कॉल्स के जरिए उन्होंने एक कर्मचारी को यह यकीन दिला दिया कि उसे सेल्सफोर्स से जुड़े एक एप्लिकेशन को मंजूरी देनी चाहिए। जैसे ही यह मंजूरी मिली, हैकर्स को संवेदनशील डेटा तक पहुंचने का दरवाज़ा मिल गया। इसमें संपर्क विवरण, व्यवसाय के नाम, और महत्वपूर्ण नोट्स जैसी जानकारी शामिल थी।Google Data Breach
सोशल इंजीनियरिंग को समझना बेहद ज़रूरी है। यह वह तकनीक है जिसमें हैकर्स तकनीकी कमजोरियों का फायदा नहीं उठाते, बल्कि लोगों की मनोविज्ञान और भावनाओं का शिकार बनाते हैं।
इस केस में हमलावरों ने खुद को गूगल का कर्मचारी बताकर एक कर्मचारी का विश्वास जीता और सीधे सिस्टम तक पहुंच बना ली। यही कारण है कि साइबर सुरक्षा में कहा जाता है – सबसे कमजोर कड़ी अक्सर इंसान ही होता है।
दांव पर क्या है?
गूगल ने यह स्पष्ट किया है कि इस उल्लंघन में उपयोगकर्ताओं के पासवर्ड चोरी नहीं हुए हैं, लेकिन जो डेटा चुराया गया है, वह हैकर्स के लिए बेहद मूल्यवान है।Google Data Breach
इसमें मौजूद संपर्क विवरण और व्यवसायिक जानकारी उन्हें फिशिंग और धोखाधड़ी के नए रास्ते खोलकर दे सकती है। दरअसल, कई जीमेल उपयोगकर्ताओं ने Reddit और अन्य फोरम्स पर रिपोर्ट किया है कि उन्हें हाल ही में फिशिंग ईमेल, फर्जी कॉल्स और स्पैम मैसेज की बाढ़ का सामना करना पड़ा है।
इन घोटालों में स्कैमर्स अक्सर गूगल का प्रतिरूपण करते हैं और यूज़र्स को धोखा देकर उनके लॉगिन कोड या पासवर्ड रीसेट करने की अनुमति मांगते हैं। यह स्थिति आगे चलकर फुल अकाउंट टेकओवर में बदल सकती है, यानी हैकर्स आपके जीमेल पर पूरा नियंत्रण हासिल कर सकते हैं।Google Data Breach
कुछ हमलावर ब्रूट फोर्स अटैक का भी सहारा ले रहे हैं। इसमें वे सामान्य पासवर्ड जैसे “123456”, “password” या जन्मतिथि जैसी जानकारी का उपयोग करके खाते तक पहुंचने की कोशिश करते हैं। इसका नतीजा बेहद गंभीर हो सकता है:
- उपयोगकर्ता अपने जीमेल अकाउंट से लॉक हो सकते हैं
- निजी दस्तावेज़ और फ़ोटोज़ चोरी हो सकते हैं
- यदि जीमेल बैंक अकाउंट या बिज़नेस सिस्टम से लिंक है तो वित्तीय और व्यावसायिक डेटा का बड़ा नुकसान हो सकता है
साइबर हमले के पीछे कौन है?

साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं ने इस हमले को कुख्यात हैकिंग ग्रुप ShinyHunters से जोड़ा है, जिसे UNC6040 के नाम से भी जाना जाता है। इस समूह का इतिहास बड़े कॉर्पोरेट सिस्टम्स को तोड़कर फिरौती मांगने का रहा है।
इनकी रणनीति का हिस्सा कर्मचारियों को गुमराह करके उन्हें फर्जी Salesforce ऐप्स को अप्रूव करवाना होता है। जैसे ही उन्हें एंट्री मिलती है, वे Salesforce Data Loader जैसे टूल्स का उपयोग करके भारी मात्रा में डेटा एक्सपोर्ट कर लेते हैं।
दिलचस्प बात यह है कि यह ग्रुप हमेशा तुरंत चोरी किए गए डेटा को बेचता नहीं है। अक्सर उनके सहयोगी, जैसे UNC6240, कुछ महीनों बाद पीड़ितों से संपर्क करते हैं और बिटकॉइन में फिरौती की मांग करते हैं।
वे धमकी देते हैं कि यदि भुगतान नहीं किया गया तो चोरी किया गया डेटा डार्क वेब पर लीक कर दिया जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, UNC6240 जल्द ही एक डेडिकेटेड डेटा लीक वेबसाइट लॉन्च कर सकता है ताकि अपनी धमकियों को और प्रभावी बना सके।Google Data Breach
गूगल की प्रतिक्रिया और ट्रैक रिकॉर्ड
गूगल ने इस घटना की जांच पूरी करने के बाद 8 अगस्त 2025 को प्रभावित उपयोगकर्ताओं को सूचना भेजना शुरू किया। गूगल ने दावा किया कि चुराया गया डेटा अधिकतर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध बिज़नेस जानकारी थी।
लेकिन साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही जानकारी सामान्य लगे, इसका इस्तेमाल हैकर्स लक्षित फिशिंग हमलों में कर सकते हैं।Google Data Breach
यह पहली बार नहीं है जब गूगल को इस तरह की बड़ी घटना का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले भी कई बड़े सुरक्षा उल्लंघन हो चुके हैं:
- 2018 का Google+ API लीक
- 2017-18 के बीच हुआ OAuth-आधारित जीमेल फिशिंग स्कैम
- 2016 का Gooligan मैलवेयर अभियान
हर बार एक ही सबक मिला – हैकर्स को बड़ा नुकसान पहुंचाने के लिए हमेशा पासवर्ड की ज़रूरत नहीं होती। वे सोशल इंजीनियरिंग और अन्य कमजोरियों का फायदा उठाकर भी हमला कर सकते हैं।
उपयोगकर्ता खुद को कैसे बचा सकते हैं?
इतने बड़े पैमाने पर हुए इस उल्लंघन के बाद सवाल उठता है कि साधारण उपयोगकर्ता खुद को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं। यहां कुछ बेहद महत्वपूर्ण कदम दिए गए हैं:
1. डार्क वेब पर अपना जीमेल डेटा चेक करें
ID Protection’s Data Leak Checker और Dark Web Monitoring टूल का उपयोग करें यह जांचने के लिए कि कहीं आपका डेटा डार्क वेब पर तो नहीं घूम रहा है। डार्क वेब इंटरनेट की छिपी हुई दुनिया है, जहां चोरी किया गया डेटा खरीदा-बेचा जाता है। यदि आपका ईमेल वहां मौजूद है, तो आपको तुरंत सुरक्षा उपाय करने चाहिए।Google Data Breach
2. पासवर्ड को अपडेट करें और मजबूत बनाएं
एक यूनिक और स्ट्रॉन्ग पासवर्ड सेट करना जरूरी है। ऐसा पासवर्ड चुनें जो अक्षरों, संख्याओं और प्रतीकों का मिश्रण हो और जिसे अनुमान लगाना आसान न हो। “password123” जैसे पासवर्ड आपके लिए खतरनाक हो सकते हैं। इसके अलावा, मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) को जरूर सक्रिय करें। यह आपके खाते को अतिरिक्त सुरक्षा परत देता है।
3. स्कैमर्स से पहले ही बचाव करें
Trend Micro ScamCheck जैसे टूल का इस्तेमाल करें जो कॉल ब्लॉकिंग, SMS फ़िल्टरिंग और स्कैम चेकिंग की सुविधा देता है। इससे संदिग्ध कॉल और मैसेज आपके पास आने से पहले ही ब्लॉक हो सकते हैं।Google Data Breach
4. संदिग्ध ईमेल की जांच करें
स्कैमर्स अक्सर गूगल का नकली रूप धारण करते हैं। ऐसे ईमेल पर क्लिक करने से पहले उन्हें स्कैमचेक पर अपलोड करें और पुष्टि करें कि वे असली हैं या नकली।Google Data Breach
5. पासकी (Passkeys) का उपयोग करें
गूगल अब उपयोगकर्ताओं को पासकी पर स्विच करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। पासकी फिंगरप्रिंट या फेस आईडी पर आधारित होती है और इन्हें फिशिंग से चुराया नहीं जा सकता। यह पासवर्ड से कहीं अधिक सुरक्षित विकल्प है।
6. गूगल सिक्योरिटी चेकअप करें
गूगल का सिक्योरिटी चेकअप टूल चलाएं, जो आपके अकाउंट की सुरक्षा स्थिति का आकलन करता है और बताता है कि किन अतिरिक्त उपायों की जरूरत है।Google Data Breach
निष्कर्ष
यह गूगल डेटा उल्लंघन हमें साइबर सुरक्षा के बदलते परिदृश्य की कड़वी हकीकत दिखाता है। हैकर्स केवल तकनीक से नहीं बल्कि मनोवैज्ञानिक तरीकों से भी हमारे डेटा तक पहुंच सकते हैं।
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि भले ही पासवर्ड चोरी न हुए हों, लेकिन अन्य संवेदनशील जानकारी का दुरुपयोग करके बड़े पैमाने पर घोटाले किए जा सकते हैं।
आज की डिजिटल दुनिया में हमें अपनी सुरक्षा को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यदि हम ऊपर बताए गए उपायों को अपनाते हैं तो हम खुद को, अपने परिवार को और अपने व्यावसायिक डेटा को काफी हद तक सुरक्षित रख सकते हैं।
अब समय आ गया है कि हर यूज़र जागरूक बने और साइबर अपराधियों के खिलाफ एक मजबूत दीवार खड़ी करे।
याद रखें – सुरक्षा सिर्फ़ टेक कंपनियों की ज़िम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर उपयोगकर्ता का कर्तव्य है। इस लेख को जितना हो सके उतना साझा करें ताकि अधिक से अधिक लोग सतर्क हो सकें और इंटरनेट को सुरक्षित बनाया जा सके। आइए मिलकर 2025 को एक सुरक्षित डिजिटल वर्ष बनाएं।
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