EPF Pension Update : EPS-95 पेंशन योजना के तहत लाखों बुजुर्गों को आज भी ₹1500 से कम पेंशन मिल रही है, जबकि केवल 0.65% पेंशनभोगियों को ₹6000 से अधिक की पेंशन प्राप्त हो रही है। जानें सरकार का रुख, न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग और आने वाले सुधार।
EPF Pension Update: जानें किसे मिल रही है ₹6000 से अधिक पेंशन और सरकार का रुख
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वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा का महत्व
हर व्यक्ति के जीवन में वृद्धावस्था का समय सबसे संवेदनशील होता है। इस दौर में आर्थिक सुरक्षा केवल एक ज़रूरत नहीं बल्कि जीवन की स्थिरता और सम्मान की बुनियाद होती है। भारत में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा चलाई जाने वाली कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS-95) लाखों कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद का एक अहम सहारा है।
हाल ही में संसद में प्रस्तुत आंकड़ों ने EPS-95 योजना की हकीकत को सामने रखा है। केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करांदलाजे ने इन आंकड़ों को साझा किया। यह न केवल पेंशन प्रणाली की मौजूदा स्थिति को दर्शाता है, बल्कि इसमें सुधार की आवश्यकता पर भी जोर देता है।EPF Pension Update
EPS-95 पेंशन: आधे से अधिक बुजुर्गों को ₹1500 से भी कम
संसद में प्रस्तुत चौंकाने वाले आंकड़े
31 मार्च, 2025 तक दिए गए आंकड़ों के अनुसार:
- 49,15,416 पेंशनभोगी ₹1500 से भी कम पेंशन प्राप्त कर रहे हैं।
- यह कुल पेंशनभोगियों का एक बड़ा हिस्सा है।
₹1500 की मासिक पेंशन में किसी बुजुर्ग के लिए किराया, भोजन, दवाइयां और अन्य आवश्यक खर्च चलाना लगभग असंभव है। यह स्थिति उन लोगों के लिए और भी कठिन है, जिनके पास आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है या वे गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।EPF Pension Update
₹6000 से अधिक पेंशन पाने वाले भाग्यशाली कुछ ही
पेंशन में असमानता का बड़ा अंतर
EPS-95 योजना के आंकड़े बताते हैं कि:
- कुल 81,48,490 पेंशनभोगियों में से केवल 0.65% यानी 53,541 लोग ही ₹6000 से अधिक मासिक पेंशन पा रहे हैं।
- दूसरी तरफ लगभग 50 लाख लोग ₹1500 से कम पेंशन पर निर्भर हैं।
यह स्थिति स्पष्ट करती है कि योजना की संरचना से अधिकांश श्रमिकों को पर्याप्त पेंशन नहीं मिल रही, जबकि एक छोटा वर्ग अपेक्षाकृत सुरक्षित है।EPF Pension Update
अन्य आय वर्गों की वास्तविकता
₹4000 और ₹6000 से कम पेंशन पाने वालों की संख्या
- ₹4000 से कम पेंशन पाने वालों की संख्या 78,69,560 है।
- ₹6000 से कम पेंशन पाने वालों की संख्या 80,94,949 है।
इसका अर्थ है कि लगभग सभी पेंशनभोगी ₹6000 से कम ही पेंशन पर गुज़ारा कर रहे हैं। पेंशन वितरण का यह “पिरामिड पैटर्न” दर्शाता है कि अधिकांश लोग निचले आय वर्ग में आते हैं।
बढ़ती राशि, लेकिन चुनौतियां बरकरार
कुल वितरण में वृद्धि
- वित्तीय वर्ष 2022-23 में EPS-95 योजना के तहत ₹22,112.83 करोड़ वितरित किए गए।
- 2023-24 में यह बढ़कर ₹23,027.93 करोड़ हो गया।
वास्तविक समस्या
कुल वितरण बढ़ने के बावजूद व्यक्तिगत पेंशन की राशि नहीं बढ़ी। यानी बड़ा पूल छोटे हिस्सों में बांटा जा रहा है, जिससे बुजुर्गों की आर्थिक स्थिति जस की तस बनी हुई है।EPF Pension Update
न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग
ट्रेड यूनियनों की मांग
विभिन्न श्रमिक संगठनों और ट्रेड यूनियनों ने न्यूनतम पेंशन ₹9000 करने की मांग की है। उनका कहना है कि:
- वर्तमान न्यूनतम पेंशन ₹1000 बिल्कुल अपर्याप्त है।
- बढ़ती महंगाई को देखते हुए ₹9000 न्यूनतम पेंशन उचित है।
सरकार का विचार
हाल ही में न्यूनतम पेंशन को ₹7500 तक बढ़ाने पर चर्चा हुई है। हालांकि इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। यदि यह लागू होता है तो करोड़ों बुजुर्गों को राहत मिलेगी।
भविष्य की उम्मीदें और चुनौतियां
क्या बढ़ेगी EPFO पेंशन?
आज सबसे बड़ा सवाल यही है।
- वर्तमान में आधे से अधिक पेंशनभोगी ₹1500 से कम पेंशन पा रहे हैं।
- केवल 0.65% लोगों को ₹6000 से अधिक पेंशन मिल रही है।
- न्यूनतम पेंशन अभी ₹1000 है, जबकि ट्रेड यूनियन ₹9000 की मांग कर रहे हैं।
यह स्पष्ट है कि मौजूदा पेंशन व्यवस्था सम्मानजनक वृद्धावस्था सुनिश्चित नहीं कर पा रही है।
निष्कर्ष
EPS-95 योजना के आंकड़े एक गंभीर तस्वीर पेश करते हैं। करोड़ों पेंशनभोगी न्यूनतम राशि पर जीवन जीने को मजबूर हैं।
- ट्रेड यूनियनों की मांग ₹9000 की है।
- सरकार ₹7500 तक पेंशन बढ़ाने पर विचार कर रही है।
- वर्तमान न्यूनतम पेंशन मात्र ₹1000 है।
यह समय है कि सरकार और नीति निर्माता इन आंकड़ों के मानवीय पहलू को समझें और एक ऐसी पेंशन प्रणाली बनाएं, जो हर बुजुर्ग को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार दे सके।EPF Pension Update
एक मजबूत और न्यायपूर्ण पेंशन प्रणाली न केवल बुजुर्गों की गरिमा की रक्षा करेगी, बल्कि यह देश की सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था को भी सुदृढ़ बनाएगी।
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