AMCA Jet Engine

AMCA Jet Engine: India’s Defence Self-Reliance with France|भारत को मिलेगा आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र का नया आधार, Bravo!!!

AMCA Jet Engine India’s Defence Self-Reliance: भारत और फ्रांस की साझेदारी से 5वीं पीढ़ी के AMCA लड़ाकू विमान के लिए स्वदेशी जेट इंजन बनेगा। सैफरान का तकनीकी सहयोग, पूर्ण प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और भारत में उत्पादन आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।

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India’s Defence Self-Reliance: AMCA Jet Engine with France

भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक ऐसा कदम उठाया है जो आने वाले दशकों तक देश की सामरिक क्षमता और आत्मनिर्भरता की नींव बनेगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घोषणा की है कि भारत अपने 5वीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए लड़ाकू जेट इंजन का विकास फ्रांस की प्रसिद्ध कंपनी के साथ मिलकर करेगा।

माना जा रहा है कि यह कंपनी सैफरान (Safran) होगी, जो पहले से ही भारत के विमानन और रक्षा क्षेत्र से गहरे जुड़ी हुई है।

यह इंजन भारत में ही निर्मित होगा और यह कदम न केवल भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ नीति को मजबूती देगा बल्कि भारतीय वायुसेना की तकनीकी शक्ति को भी नई उड़ान देगा।AMCA Jet Engine

भारत की रक्षा महत्वाकांक्षाएं और चुनौतियां

AMCA Jet Engine

हथियार आयातक से आत्मनिर्भरता की ओर

भारत विश्व के सबसे बड़े हथियार आयातकों में शामिल रहा है। लेकिन अब भारत का लक्ष्य है कि वह अपनी सेनाओं की जरूरतों को स्वदेशी हथियारों और तकनीक से पूरा करे।
AMCA कार्यक्रम इसी रणनीति का हिस्सा है। इसकी शुरुआत 2010 के दशक की शुरुआत में हुई थी ताकि यह हल्के लड़ाकू विमान (LCA तेजस) के बाद भारत का अगला बड़ा कदम बने।AMCA Jet Engine

विकास में आई बाधाएं

AMCA का पहला उड़ान परीक्षण 2020 तक और उत्पादन 2025 तक तय किया गया था, लेकिन वित्तीय अड़चनों, नौकरशाही देरी और इंजन की कमी के कारण समय-सीमा खिसक गई। अब अनुमान है कि इसका पहला प्रोटोटाइप 2028 तक उड़ान भरेगा और उत्पादन 2038-39 तक शुरू होगा।

स्वदेशी इंजन की कमी

कावेरी इंजन कार्यक्रम, जिसे AMCA को शक्ति देने के लिए बनाया गया था, आवश्यक मानकों को पूरा नहीं कर सका। यही कारण है कि भारत को अब तक विदेशी इंजनों पर निर्भर रहना पड़ा। यह साझेदारी भारत की सबसे बड़ी कमजोरी को दूर करेगी।

फ्रांस के साथ रणनीतिक साझेदारी

बढ़ते संबंधों की नई दिशा

भारत और फ्रांस के रक्षा संबंध पहले से ही मजबूत हैं। हाल ही में भारत ने फ्रांस से 26 राफेल जेट खरीदे हैं। अब इंजन विकास की साझेदारी इन संबंधों को और गहरा बनाएगी।AMCA Jet Engine

राजनाथ सिंह की घोषणा

रक्षा मंत्री ने साफ कहा कि अब भारत में ही लड़ाकू विमान इंजन बनाए जाएंगे। हालांकि उन्होंने कंपनी का नाम नहीं लिया, लेकिन भारतीय मीडिया ने पुष्टि की है कि यह साझेदारी सैफरान के साथ होगी।

Safran की पेशकश: AMCA इंजन की शक्ति

M88 इंजन से विकसित होगा नया इंजन

सैफरान अपने सिद्ध M88 इंजन, जो राफेल को शक्ति देता है, को उन्नत कर AMCA के लिए इंजन बनाएगा।

  • मौजूदा M88: 50 kN (ड्राई थ्रस्ट), 75 kN (आफ्टरबर्नर)
  • प्रस्तावित AMCA इंजन: 75-80 kN ड्राई थ्रस्ट और 110-120 kN आफ्टरबर्नर थ्रस्ट

यह क्षमता AMCA को 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान की आवश्यकताओं के अनुरूप शक्ति प्रदान करेगी।

समय-सीमा

सैफरान के अनुसार, इंजन का प्रोटोटाइप 2026-27 तक तैयार हो जाएगा और 2028 तक पहली उड़ान संभव होगी।

प्रौद्योगिकी हस्तांतरण: आत्मनिर्भरता की असली उड़ान

मुख्य तकनीकी उपलब्धियां

यह साझेदारी केवल इंजन आपूर्ति तक सीमित नहीं होगी, बल्कि इसमें पूर्ण तकनीकी हस्तांतरण (Full ToT) शामिल होगा।
इसमें शामिल होंगे:

  • सिंगल क्रिस्टल ब्लेड – उच्च तापमान सहनशील
  • थर्मल बैरियर कोटिंग्स – इंजन की सुरक्षा
  • उन्नत कंबस्टर तकनीक – बेहतर ईंधन दक्षता और उत्सर्जन नियंत्रण

सुपरक्रूज क्षमता

नया इंजन AMCA को सुपरक्रूज (Afterburner के बिना सुपरसोनिक उड़ान) की क्षमता देगा। यह 5वीं पीढ़ी के विमानों की अहम आवश्यकता है।

उत्कृष्टता केंद्र

सैफरान भारत में गैस टर्बाइन तकनीक का केंद्र भी स्थापित करेगा। इससे अगली पीढ़ी के भारतीय इंजीनियरों को प्रशिक्षण मिलेगा और भारत की R&D क्षमता मजबूत होगी।AMCA Jet Engine

AMCA कार्यक्रम का भविष्य

चुनौतियों से सीख

तेजस कार्यक्रम के लंबे और जटिल विकास से मिली सीख अब AMCA को तेजी से आगे बढ़ाने में काम आएगी।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम

स्थानीय उत्पादन और विदेशी निर्भरता कम करने के साथ भारत अब वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखला में एक अहम निर्माता के रूप में उभरेगा।

निष्कर्ष

भारत और फ्रांस की यह साझेदारी भारतीय रक्षा क्षेत्र के लिए गेम-चेंजर साबित होगी।
AMCA इंजन का स्थानीय उत्पादन, तकनीकी हस्तांतरण और अनुसंधान केंद्र मिलकर भारत को न केवल आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि उसे वैश्विक रक्षा क्षेत्र में एक सशक्त स्थान दिलाएंगे।AMCA Jet Engine

यह केवल एक रक्षा सौदा नहीं, बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में भारत की ऐतिहासिक छलांग है।

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