Agni-5:भारत की अग्नि-5 ICBM का हालिया सफल परीक्षण दुनिया को चौंका रहा है। जानिए इसकी रेंज, स्पीड, MIRV क्षमता और पाकिस्तान की शाहीन-3 से तुलना। भारत की बढ़ती सैन्य ताकत का प्रतीक!।Discover how Agni-5, India’s first ICBM, has transformed its military prowess with unmatched range, speed, and MIRV technology, making it a global superpower.
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Agni-5: India’s New Superpower! Why is the World Trembling?
अग्नि-5: भारत की नई महाशक्ति! दुनिया क्यों कांप रही है?
भारत ने हाल ही में अपनी सबसे शक्तिशाली मिसाइलों में से एक, अग्नि-5 का सफलतापूर्वक परीक्षण कर दुनिया को चौंका दिया है। इस ऐतिहासिक सफल परीक्षण ने भारत की सैन्य ताकत में एक अभूतपूर्व इजाफा किया है, जिसने दुश्मन देशों को ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है।
लंबे समय से भारत की मिसाइल क्षमता में अग्नि-1 से लेकर अग्नि-4 तक की मिसाइलें शामिल रही हैं, लेकिन अग्नि-5 का आगमन एक गेम-चेंजर साबित हुआ है। यह सिर्फ एक मिसाइल नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती वैश्विक ताकत और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। अग्नि-5 का विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा किया गया है, जो भारत की स्वदेशी तकनीकी क्षमता को दर्शाता है। Agni-5
इस मिसाइल की शुरुआत 2007 में हुई थी, और इसका पहला परीक्षण 2012 में किया गया। तब से कई सफल परीक्षणों के बाद, 2025 में इसका नवीनतम परीक्षण इसे परिचालन के करीब ले आया है। यह मिसाइल भारत की नो फर्स्ट यूज नीति के तहत परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है, जिससे देश की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
वैश्विक स्तर पर, यह परीक्षण चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के लिए एक चेतावनी है, क्योंकि अग्नि-5 की रेंज पूरे एशिया को कवर करती है। इसके अलावा, यह भारत को अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की श्रेणी में खड़ा करता है, जो ICBM क्षमता वाले चुनिंदा राष्ट्र हैं।Agni-5
अग्नि-5 की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता इसका इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (ICBM) होना है। यह वह क्षमता है जो भारत को चुनिंदा देशों की श्रेणी में खड़ा करती है, जिनके पास एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक वार करने की शक्ति है।
जब कोई देश ICBM क्षमता हासिल करता है, तो यह दर्शाता है कि उसकी सुरक्षा और रक्षा क्षमताएं सिर्फ क्षेत्रीय नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रभावी हो चुकी हैं। अग्नि-5 की सफलता भारत की रणनीतिक स्वायत्तता को बढ़ाती है, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक तनाव बढ़ रहे हैं। Agni-5
इस मिसाइल का विकास भारत की मेक इन इंडिया पहल का हिस्सा है, जिसमें स्वदेशी घटकों का उपयोग किया गया है। इससे न केवल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ी है, बल्कि रोजगार और तकनीकी नवाचार को भी प्रोत्साहन मिला है।
What is ICBM? Understand Intercontinental Ballistic Missile
आखिर क्या है ICBM? इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल को समझें
ICBM, यानी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल, एक ऐसी उन्नत बैलेस्टिक मिसाइल होती है जो एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक अपने लक्ष्य को भेदने की क्षमता रखती है।Agni-5
इस शब्द को समझने से ही अग्नि-5 की वास्तविक ताकत का अंदाजा लगता है। यह सिर्फ नाम नहीं, बल्कि युद्ध के मैदान में एक निर्णायक लाभ है। ICBM की अवधारणा शीत युद्ध के दौरान विकसित हुई, जब अमेरिका और सोवियत संघ ने ऐसी मिसाइलों का विकास किया। आज, ये मिसाइलें परमाणु हथियारों की डिलीवरी के लिए प्रमुख साधन हैं।
किसी भी मिसाइल को ICBM की श्रेणी में आने के लिए कुछ बेहद कठोर मापदंडों को पूरा करना अनिवार्य होता है। ये मापदंड केवल इसकी मारक क्षमता तक ही सीमित नहीं होते, बल्कि इसकी गति, लक्षित करने की क्षमता और हथियार ले जाने की क्षमता को भी निर्धारित करते हैं:
- मारक क्षमता (रेंज): एक ICBM की न्यूनतम मारक क्षमता 5000 किलोमीटर होनी चाहिए। भारत के पास अब तक जितनी भी मिसाइलें थीं, उनकी रेंज 5000 किलोमीटर से कम थी, जो अग्नि-5 को इस श्रेणी में विशिष्ट बनाती है। यह क्षमता भारत को सिर्फ पड़ोसी देशों या एशिया के भीतर ही नहीं, बल्कि एशिया से बाहर के देशों, जैसे यूरोप के कुछ हिस्सों तक, दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाने की शक्ति देती है। उदाहरण के लिए, यह चीन के पूरे क्षेत्र को कवर कर सकती है।
- परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता (न्यूक्लियर वॉरहेड): ICBM मिसाइलों को बनाने का प्राथमिक उद्देश्य खतरनाक परमाणु ऊर्जा वाले हथियारों (न्यूक्लियर वॉरहेड) को ले जाना होता है। इन मिसाइलों को इसलिए विकसित किया जाता है ताकि वे परमाणु हथियारों को दुश्मन के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण ठिकानों तक पहुंचा सकें। अग्नि-5 पूरी तरह से इस क्षमता से लैस है, जो इसे भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनाती है। भारत की परमाणु नीति के अनुसार, यह दूसरी स्ट्राइक क्षमता प्रदान करती है।
- मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) क्षमता: यह एक ऐसी तकनीक है जो ICBM को असाधारण बनाती है। MIRV का मतलब है कि एक अकेली ICBM मिसाइल एक ही समय में कई अलग-अलग लक्ष्यों को निशाना बना सकती है।
- इसमें एक मिसाइल को लॉन्च करने के बाद, उसके अलग-अलग वॉरहेड अलग-अलग दिशाओं में जाकर कई लक्ष्यों को एक साथ ध्वस्त कर सकते हैं। यह क्षमता दुश्मन के लिए अपनी रक्षा करना लगभग असंभव बना देती है, क्योंकि उन्हें एक साथ कई खतरों का सामना करना पड़ता है। अग्नि-5 में 3-6 वॉरहेड की क्षमता है, जिसे भविष्य में 10-12 तक बढ़ाया जा सकता है।
- अत्यधिक गति (20 मैक की न्यूनतम गति): एक बैलेस्टिक मिसाइल को ICBM माने जाने के लिए उसकी गति कम से कम 20 मैक होनी चाहिए। ‘मैक’ ध्वनि की गति का माप है, और 20 मैक का अर्थ है ध्वनि की गति से 20 गुना अधिक रफ्तार। इतनी तीव्र गति से यात्रा करने वाली मिसाइल को रोकना या उसका पता लगाना बेहद मुश्किल होता है। यह गति लक्ष्य तक पहुंचने में लगने वाले समय को भी काफी कम कर देती है, जिससे दुश्मन को प्रतिक्रिया करने का बहुत कम अवसर मिलता है। अग्नि-5 की गति 24 मैक है, जो इसे और भी प्रभावी बनाती है।
इन सभी मापदंडों को पूरा करने वाली मिसाइलें ही वास्तविक अर्थों में अंतरमहाद्वीपीय खतरा मानी जाती हैं, और अग्नि-5 ने इन सभी आवश्यकताओं को सफलतापूर्वक पार कर लिया है। इसके अलावा, ICBM की उड़ान तीन चरणों में होती है: बूस्ट, मिडकोर्स और री-एंट्री, जो इसे बैलेस्टिक बनाती है।Agni-5
Why is Agni-5 So Special? Unique Capabilities of India’s First ICBM
अग्नि-5 क्यों है इतनी खास? भारत की पहली ICBM की अद्वितीय क्षमताएं

अग्नि-5 सिर्फ एक ICBM ही नहीं है, बल्कि यह न्यूनतम ICBM आवश्यकताओं से भी कहीं आगे है, जो इसे विश्व की सबसे उन्नत मिसाइलों में से एक बनाती है। भारत की यह पहली और एकमात्र अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल है, जिसने देश को ICBM क्षेत्र में मजबूती से स्थापित किया है। इसका विकास अग्नि-3 से प्रेरित है, लेकिन इसमें उन्नत सामग्री और इलेक्ट्रॉनिक्स का उपयोग किया गया है।
Range and Speed: An Unmatched Combination
रेंज और स्पीड का बेजोड़ संगम
अग्नि-5 की मारक क्षमता भारत की सुरक्षा कवरेज को अभूतपूर्व रूप से बढ़ाती है:
- विस्तारित रेंज: अग्नि-5 की न्यूनतम रेंज 5000 किलोमीटर है, जिसे अधिकतम 8000 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है। यह इसे चीन, अमेरिका, और यूरोप के कई हिस्सों तक पहुंचने की क्षमता प्रदान करती है।
- अब भारत के दुश्मन देश, चाहे वे एशिया में हों या उससे बाहर, अग्नि-5 की रेंज में आ गए हैं। यदि कोई भी दुश्मन देश भारत पर गलत निगाह डालेगा, तो भारत अग्नि-5 के माध्यम से उसे आसानी से अपने निशाने पर ले सकता है। यह रेंज भारत की न्यूक्लियर ट्रायड (जमीन, समुद्र, हवा) को पूर्ण करती है।Agni-5
- अविश्वसनीय गति: जहां एक ICBM के लिए न्यूनतम गति 20 मैक होनी चाहिए, वहीं अग्नि-5 की गति 24 मैक है। इसका मतलब है कि यह ध्वनि की गति से लगभग 24 गुना अधिक रफ्तार से यात्रा करती है। इस गति से, अग्नि-5 29,401 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से अपने दुश्मन के ठिकाने को ध्वस्त कर सकती है। इतनी तीव्र गति से, यह मिसाइल दुश्मन के वायु रक्षा प्रणालियों के लिए एक दुःस्वप्न बन जाती है। इस गति के कारण, मिसाइल को इंटरसेप्ट करना मुश्किल होता है।
MIRV Technology: Eliminating Multiple Enemies at Once
MIRV टेक्नोलॉजी: एक साथ कई दुश्मनों का सफाया
जैसा कि पहले बताया गया है, MIRV (मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल) तकनीक एक ICBM के लिए अनिवार्य है, और अग्नि-5 इस क्षमता से पूरी तरह लैस है।
- बहु-लक्षित हमला: अग्नि-5 एक ही बार में कई अलग-अलग लक्ष्यों को निशाना बना सकती है। जब इसे लॉन्च किया जाता है, तो यह विभिन्न वॉरहेड ले जाती है जो दुश्मन के कई ठिकानों पर एक साथ हमला कर सकते हैं।
- यह न केवल युद्ध की रणनीति में लचीलापन प्रदान करता है, बल्कि दुश्मन के रक्षा तंत्र को भ्रमित और ओवरलोड भी कर देता है। एक साथ कई ठिकानों को ध्वस्त करने की यह क्षमता अग्नि-5 को बेहद खतरनाक और प्रभावी हथियार बनाती है। MIRV तकनीक का पहला परीक्षण मार्च 2024 में किया गया, जो मिशन दिव्यास्त्र के नाम से जाना जाता है।
Launch from Anywhere, Unerring Accuracy
कहीं से भी लॉन्च, अचूक निशाना
अग्नि-5 की एक और बड़ी ताकत इसकी लॉन्चिंग में लचीलापन है:
- मोबाइल लॉन्च क्षमता: इसे आसानी से कहीं से भी लॉन्च किया जा सकता है, जिसमें मोबाइल लॉन्चर सिस्टम, जैसे कि रोड-मोबाइल या रेल-मोबाइल सिस्टम शामिल हैं। इसका मतलब है कि भारत के किसी भी कोने से इसे लॉन्च किया जा सकेगा। ओडिशा के चांदीपुर रेंज से इसका सफल परीक्षण किया गया था, जो इसकी मोबाइल लॉन्च क्षमता का प्रमाण है। यह क्षमता दुश्मन के लिए मिसाइल के लॉन्च बिंदु का पता लगाना और उसे निष्क्रिय करना लगभग असंभव बना देती है, जिससे भारत की दूसरी स्ट्राइक क्षमता मजबूत होती है। मोबाइल सिस्टम इसे छुपाने में आसान बनाते हैं।
- अत्यधिक सटीकता: अग्नि-5 की सटीकता लाजवाब है। यह 10 से 30 मीटर के दायरे में लक्ष्य को सटीक रूप से भेद सकती है। इसका मतलब है कि यह दुश्मन के सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण ठिकानों को भी पूरी तरह से और सटीक रूप से ध्वस्त कर सकती है। यह सटीकता इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम और जीपीएस से आती है।Agni-5
ये सभी क्षमताएं मिलकर अग्नि-5 को भारत की सबसे उन्नत मिसाइलों की श्रेणी में रखती हैं और इसे ICBM की श्रेणी में एक अग्रणी स्थान दिलाती हैं। इसके अलावा, मिसाइल का वजन 50 टन है, और यह तीन चरण वाली है, जो इसे कुशल बनाती है।
India Now a Member of the ICBM Club: Increased Prestige on the World Stage
भारत अब ICBM क्लब का सदस्य: विश्व मंच पर बढ़ी धाक
अग्नि-5 के सफल परीक्षण के साथ, भारत अब उन चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल हो गया है जिनके पास ICBM की ताकत है। अब तक, इस श्रेणी में अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, उत्तर कोरिया, इजराइल और भारत शामिल हैं। अब भारत इस क्लब का पूर्ण सदस्य है।
इस उपलब्धि ने भारत को वैश्विक महाशक्तियों के बीच एक मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया है। यह केवल एक सैन्य उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारत की बढ़ती भू-राजनीतिक शक्ति और रणनीतिक स्वायत्तता का भी प्रमाण है।
अब दुनिया भारत की ताकत का लोहा मान रही है, और कोई भी दुश्मन देश भारत की ओर गलत निगाह उठाने से पहले दो बार सोचेगा। अग्नि-5 भारत की ताकत में एक ऐसा बड़ा “गैप” भरती है, जिसने क्षेत्रीय और वैश्विक शक्ति संतुलन को भारत के पक्ष में मोड़ दिया है। वैश्विक मीडिया ने इस परीक्षण को भारत की बढ़ती शक्ति के रूप में देखा है, खासकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में।Agni-5
Agni-5 vs Shaheen-3: How Far Ahead is India from Pakistan’s Most Powerful Missile?
अग्नि-5 बनाम शाहीन-3: पाकिस्तान की सबसे ताकतवर मिसाइल से कितना आगे है भारत?
जब भारत की बढ़ती मिसाइल ताकत की बात होती है, तो पड़ोसी देश पाकिस्तान की तुलना स्वाभाविक हो जाती है। पाकिस्तान अक्सर अपनी सबसे शक्तिशाली मिसाइल, शाहीन-3, की बात करता है। आइए, अग्नि-5 और शाहीन-3 के बीच के अंतर को समझें, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि भारत इस क्षेत्र में कितनी आगे निकल चुका है।Agni-5
Shaheen-3: Medium Range Ballistic Missile
शाहीन-3: मीडियम रेंज बैलेस्टिक मिसाइल
पाकिस्तान की सबसे ताकतवर मिसाइल के रूप में शाहीन-3 को देखा जाता है। हालांकि, यह समझना महत्वपूर्ण है कि शाहीन-3 एक MRBM (मीडियम रेंज बैलेस्टिक मिसाइल) है। यह इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (ICBM) नहीं है। पाकिस्तान के पास अभी तक ICBM बनाने की क्षमता नहीं है।Agni-5
इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि शाहीन-3 अभी तक पूरी तरह से विकसित भी नहीं हुई है। हाल ही में जुलाई 2025 में इसका एक परीक्षण फेल हो गया था, जो डेरा गाजी खान के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इससे पहले 2023 और 2021 में भी विफलताएं हुईं। इसका मतलब है कि पाकिस्तान अभी भी अपनी सबसे शक्तिशाली मिसाइल को विकसित करने के चरण में है, जबकि भारत की अग्नि-5 का सफलतापूर्वक परीक्षण हो चुका है और वह परिचालन के लिए तैयार है।Agni-5
Comparative Analysis: Why Agni-5 is Far Superior?
तुलनात्मक विश्लेषण: क्यों अग्नि-5 है कहीं बेहतर?
अग्नि-5 और शाहीन-3 के बीच का अंतर केवल नाममात्र का नहीं, बल्कि तकनीकी और रणनीतिक रूप से बहुत बड़ा है। यह अंतर भारत और पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं के बीच के विशाल “गैप” को दर्शाता है।
- मारक क्षमता (रेंज):
- अग्नि-5: इसकी रेंज 5000 किलोमीटर से 8000 किलोमीटर तक है।
- शाहीन-3: इसकी रेंज मात्र 2750 किलोमीटर बताई जाती है।
- अंतर: अग्नि-5 की रेंज शाहीन-3 की तुलना में लगभग दोगुनी से तीन गुनी अधिक है। शाहीन-3 केवल सीमित भौगोलिक क्षेत्र में ही दुश्मन को निशाना बना सकती है, जबकि अग्नि-5 की पहुंच वैश्विक है। इससे भारत पूरे पाकिस्तान को कवर कर सकता है, लेकिन पाकिस्तान भारत के दूरस्थ क्षेत्रों तक नहीं पहुंच सकता।
- पेलोड और लक्षित करने की क्षमता (वॉरहेड टेक्नोलॉजी):
- अग्नि-5: यह MIRV (मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल) क्षमता से पूरी तरह लैस है। इसका मतलब है कि एक ही मिसाइल के जरिए यह एक साथ कई अलग-अलग लक्ष्यों को ध्वस्त कर सकती है, क्योंकि यह एक साथ कई वॉरहेड ले जा सकती है।
- शाहीन-3: यह MIRV क्षमता नहीं रखती। यह एक सिंगल वॉरहेड लेकर जाती है और एक बार में केवल एक ही ठिकाने को निशाना बना सकती है।
- अंतर: यह अंतर युद्ध के मैदान में विनाशकारी परिणाम दे सकता है। अग्नि-5 एक ही हमले में दुश्मन के कई महत्वपूर्ण ठिकानों को नष्ट कर सकती है, जबकि शाहीन-3 की क्षमता बहुत सीमित है। MIRV की कमी पाकिस्तान की रणनीति को कमजोर बनाती है।Agni-5
- विकास की स्थिति:
- अग्नि-5: भारत ने अपनी पहली ICBM मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण कर लिया है और इसकी ताकत भारत के पास आ चुकी है।
- शाहीन-3: पाकिस्तान अभी भी शाहीन-3 को विकसित कर रहा है और यह पूरी तरह से विकसित नहीं हुई है। इसका हाल ही में किया गया परीक्षण भी विफल हो गया था।
- अंतर: भारत के पास एक तैयार और सिद्ध ICBM है, जबकि पाकिस्तान अभी भी अपनी मध्यम दूरी की मिसाइल के विकास में संघर्ष कर रहा है। बार-बार विफलताएं पाकिस्तान की तकनीकी कमजोरियों को उजागर करती हैं।
- लॉन्च में लचीलापन (मोबिलिटी):
- अग्नि-5: इसे हिंदुस्तान के किसी भी कोने से मोबाइल लॉन्चर सिस्टम (जैसे रोड या रेल) के जरिए आसानी से लॉन्च किया जा सकता है।
- शाहीन-3: इसे केवल सीमित जगहों से ही लॉन्च किया जा सकता है, और इसकी रोड/रेल मोबिलिटी भी सीमित है, हालांकि यह रोड-मोबाइल है।Agni-5
- अंतर: अग्नि-5 की उच्च गतिशीलता इसे दुश्मन के लिए पता लगाना और नष्ट करना बहुत कठिन बना देती है, जबकि शाहीन-3 अधिक असुरक्षित है। भारत की मोबाइल क्षमता इसे सरप्राइज अटैक के लिए आदर्श बनाती है।
- सटीकता:
- अग्नि-5: इसकी सटीकता 10 से 30 मीटर तक है, जिसका अर्थ है यह दुश्मन के ठिकानों को अत्यधिक परिशुद्धता से ध्वस्त कर सकती है।
- शाहीन-3: इसका सटीकता दायरा लगभग 50 मीटर बताया जाता है, जिसका मतलब है कि यह अपेक्षाकृत कम सटीक है।
- अंतर: अग्नि-5 का सटीक निशाना दुश्मन के रणनीतिक ठिकानों के लिए घातक है। इससे collateral damage कम होता है।
यह तुलना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि बैलेस्टिक मिसाइल की ताकत, विशेष रूप से ICBM क्षमता के मामले में, भारत और पाकिस्तान के बीच कितना बड़ा अंतर है। जहां भारत ने अग्नि-5 के साथ वैश्विक शक्ति क्लब में प्रवेश किया है, वहीं पाकिस्तान अभी भी मध्यम दूरी की मिसाइलों के विकास में संघर्ष कर रहा है। यह अंतर न केवल तकनीकी है, बल्कि आर्थिक और वैज्ञानिक संसाधनों का भी प्रतिबिंब है।Agni-5
Conclusion: Agni-5 – Symbol of India’s Security and Self-Reliance
निष्कर्ष: अग्नि-5 – भारत की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का प्रतीक
अग्नि-5 का सफल परीक्षण केवल भारत के सैन्य शस्त्रागार में एक और मिसाइल का जुड़ना नहीं है। यह भारत की बढ़ती रणनीतिक स्वायत्तता, तकनीकी कौशल और वैश्विक शक्ति के रूप में उदय का प्रमाण है। अग्नि-5 के साथ, भारत अब किसी भी बाहरी खतरे का जवाब देने में सक्षम है, चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने से आए।Agni-5
इस मिसाइल ने भारत की सुरक्षा अवधारणा को एक नया आयाम दिया है, जिससे देश की प्रतिरोधक क्षमता कई गुना बढ़ गई है। पूरी दुनिया भारत की इस नई ताकत को समझ रही है और दुश्मन देश चिंतित हैं। अग्नि-5 केवल एक हथियार नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की आकांक्षाओं और अदम्य संकल्प का एक शक्तिशाली प्रतीक है।Agni-5
इसने भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में खड़ा कर दिया है, जो भविष्य के भू-राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। भविष्य में, अग्नि-6 जैसी मिसाइलों का विकास इसे और मजबूत करेगा। यह उपलब्धि भारत के वैज्ञानिकों और सैनिकों की मेहनत का फल है, जो राष्ट्र को गौरवान्वित करती है।Agni-5
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